Best 5 Motivational story in hindi ( हिंदी 5 प्रेरणादायक कहानियां )
हिंदी 5 प्रेरणादायक कहानियां
Best Motivational Stories in Hindi For Success, Best Motivation Kahani in Hindi, Official life changing Motivational Story .
- आलसी जीवन को बदलने का फैसला
- मेहनत और संघर्ष से कुछ भी संभव है
- अपने अंदर की शक्ति
- डर हमें कमजोर बनती है
- सपनों के लिए मेहनत
1. आलसी जीवन को बदलने का फैसला :-
एक बार एक लड़की थी जिसका नाम सोनिया था। सोनिया एक बहुत ही अधिक आलसी लड़की थी जो ज्यादातर समय टीवी देखती थी या मोबाइल खेलती रहती थी। उसे किसी भी काम में लगन नहीं था। उसे कोई भी काम करने का मन नहीं करता था और वह हमेशा अपने आस-पास के लोगों से कुछ न कुछ मदद मांगती रहती थी।
एक दिन, उसकी मां उससे बोलीं, "बेटी, तुम इतनी आलसी क्यों हो? तुम्हें अपने जीवन में कुछ करना चाहिए। तुम्हें कोई मोटिवेशन की जरूरत है।"
उसकी मां की बात सोनिया को समझ में नहीं आई। वह सोचने लगी कि मोटिवेशन क्या होता है और उसे कैसे मिल सकता है।
उसी दिन, सोनिया अपने घर के सामने बैठे एक बूढ़े आदमी को देखा। बूढ़ा आदमी एक बड़े झोपड़ी के साथ रहता था जिसे वह स्वयं बनाकर रखता था। सोनिया ने बूढ़े आदमी के पास जाकर पूछा, "दादाजी, आप इस झोपड़ी को खुद बनाते हैं?"
बूढ़े आदमी ने कहा, "हाँ, बेटी। मुझे जो सही लगता है। मैंने अपने जीवन में कुछ नहीं पाया था इसलिए मैंने अपने हाथों से जो कुछ भी बनाया है, उससे मुझे बहुत संतोष मिलता है।"
उस दिन से सोनिया ने अपने आलसी जीवन को बदलने का फैसला किया। वह दादाजी के साथ अधिक समय बिताना शुरू कर दिया और उनसे सीखना शुरू किया कि अपने हाथों से कुछ न कुछ बनाने का अहसास कैसे प्राप्त किया जाए।
वह अपनी मां से माफी मांगती हुई उसके साथ मिलकर खेती करने और घर के काम करने में मदद करने लगी। उसके जीवन में नया उत्साह और मनोबल आ गया। उसके अंदर एक नया संतोष था जो उसे अपने जीवन के हर काम में लगाने में मदद ।करता था
सीख -
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मोटिवेशन हमें सिर्फ अपने जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन हमें उस काम को करने के लिए स्वयं अपने जीवन को बदलना होता है। हमें सभी कामों के लिए उत्साहित और उत्साहित रहना चाहिए ताकि हम अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकें।
2. मेहनत और संघर्ष से कुछ भी संभव है:-
एक बार एक गांव में एक छोटी सी लड़की रहती थी। उसका नाम रिया था। रिया को पढ़ाई करने का बहुत शौक था और वह हमेशा अपने अध्ययन में बिजी रहती थी। उसके माता-पिता भी उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते थे और उसे स्कूल में भेजते थे।
एक दिन, रिया को स्कूल से लौटते समय उसे एक नयी किताब का विज्ञापन दिखाई दिया। वह उस किताब के बारे में जानना चाहती थी और उसने अपने पिता से उस किताब की मदद मांगी। पिता ने उसे कहा कि उस किताब को खरीदने के लिए उसे कुछ पैसे कमाने होंगे। रिया अपने पिता के कहने पर कुछ नहीं बोली और उसने सोचा कि उसे कितना भी कठिनाई का सामना करना पड़े, वह उस किताब को खरीदने के लिए पैसे जुटाएगी।
रिया अपने घर के आस-पास घूमते हुए लोगों की मदद करने लगी। वह कुछ दिनों तक घरों की सफाई करती रही, पानी की बोतलें बेचती रही और बाहर की गलियों को साफ करती रही। इस तरह, वह अपने पैसे जुटाने में सफल रही , एक दिन, रिया को एक मकान मिला जहां उसे सफाई करने के लिए पैसे मिलने लगे। इसके साथ ही, वह अपने घर के आस-पास की छोटी-छोटी दुकानों में काम करने लगी और अपनी अर्जित की हुई पैसों से उसने नई-नई किताबें खरीदीं। रिया की ये मेहनत और उसकी लगन ने उसे अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंचा दिया। वह अपने स्कूल में अगले साल के लिए भीड़ से अधिक नंबर में आ गई और उसे अपने लक्ष्य को हासिल करने की एक बड़ी मदद मिली।
सीख -
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लगन, मेहनत और संघर्ष से कुछ भी संभव है। रिया ने किसी भी काम से शुरूआत की, फिर वह उसे अपने लक्ष्य के पास ले गई। यह एक उदाहरण है कि जितना आप मेहनत करेंगे, उतना ही आपका सफल होने का अधिक अवसर होगा।
3. अपने अंदर की शक्ति :-
एक बार एक लड़की थी जो बहुत ही उदास और अकेली थी। उसके पास कोई दोस्त नहीं थे और उसे स्कूल भी जाने में बड़ी मुश्किल होती थी। उसके माता-पिता भी बहुत व्यस्त थे और उससे कम बात करते थे।
एक दिन उसने एक पुस्तक खरीदी जिसमें सफलता के बारे में लिखा था। उसने पुस्तक को पढ़ा और जाना कि जीत का रहस्य मौजूद है - मन की शक्ति और उनकी व्यवस्था। उसने तुरंत यह निश्चय किया कि उसे सफल होना ही है।
उसने अपनी सोच को बदला और सफलता की ओर ध्यान केंद्रित किया। उसने सोचा कि उसे दोस्त बनने हैं, स्कूल में अच्छे नंबर प्राप्त करने हैं और अपने माता-पिता को खुश करना है।
उसने अपने अभ्यास को बढ़ाया और स्कूल में बेहतरीन प्रदर्शन किया। वह दोस्त बनाने में भी सफल रही और अपने माता-पिता को भी खुश कर दिया। उसकी सफलता ने उसे नई ऊर्जा दी और उसे आगे बढ़ने के लिए मजबूत किया।
सीख -
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपने अंदर की शक्ति का उपयोग करके हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। जब हम अपने आप में विश्वास करते हैं तो हम निरंतर उन लक्ष्यों की तरफ बढ़ते रहते हैं जो हमें खुशी देते हैं और हमारी जिंदगी में एक सफलता का अनुभव करवाते हैं।
हमें कभी नहीं हार मानना चाहिए और हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। आगे बढ़ने के लिए हमें अपनी सोच को बदलना होगा और अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करना होगा। एक सकारात्मक सोच हमें आगे बढ़ने में मदद करती है और आने वाली मुश्किलों का सामना करने में हमें सहायता प्रदान करती है।
इसलिए, हमें सकारात्मक सोच को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और अपनी ऊर्जा को उन लक्ष्यों में निवेश करना चाहिए जो हमें असफलता से सफलता की ओर ले जाते हैं।
4. डर हमें कमजोर बनाते हैं:-
एक बार एक जंगल में एक बच्चा शेर अपनी मां के साथ रहता था। वह बच्चा बहुत ही खुशनुमा जीवन बिताता था। लेकिन जंगल में कुछ लोग थे जो शेर को देखते ही डर जाते थे। उन लोगों में एक लोग था जो हमेशा डरे-सिमटे रहता था। वह शेर को देखकर डर जाता था और उसे कभी भी नहीं देख पाता था।
शेर ने एक दिन उस लड़के को देखा जो उसे देखकर डर जाता था। उसने सोचा कि उसे इस लड़के को कुछ सीखाना होगा। इसलिए, शेर ने उस लड़के को बुलाया और उससे पूछा कि तुम क्यों इतना डरते हो?
लड़का ने शेर को बताया कि उसका डर उसके दिमाग में है जो उसने खुद बनाया है। वह चाहता है कि वह डर से मुक्त हो जाए लेकिन वह अपना डर से निपटने के लिए कुछ नहीं करता है।
शेर ने उस लड़के से कहा कि अगर तुम अपना डर जीतना चाहते हो तो उससे निपटने के लिए कुछ करो। तुम अपने डर का सामना करने के लिए धीरे-धीरे शुरुआत कर सकते हो और अपने आप को एक नई मुक्ति की ओर ले जा सकते हो।
लड़के ने शेर की बात सुनी और वह धीरे-धीरे अपने डर से निपटने की कोशिश करने लगा। पहले उसने कुछ छोटी-छोटी बातों से शुरुआत की जैसे कि जंगल में अकेले घूमना, डरावने स्थानों पर जाना इत्यादि। उसके बाद उसने बड़ी-बड़ी चुनौतियों का सामना करने की कोशिश की जैसे कि डरावने जानवरों के साथ सामना करना। धीरे-धीरे उसका डर कम होने लगा और उसे जीतने की ताकत मिलने लगी। फिर एक दिन, उस लड़के ने शेर को देखा तो उसमें कोई डर नहीं था। वह शेर को देखते हुए अपनी सफलता का जश्न मना रहा था।
सीख -
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीतने के लिए हमें अपने डर से निपटना बहुत जरूरी होता है। हमें अपने आप में विश्वास होना चाहिए और हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे डर हमें कमजोर बनाते हैं। जब हम अपने डर का सामना करते हैं, तो हम अपने आप में एक नई ताकत पैदा करते हैं जो हमें अपने लक्ष्य की ओर ले इस कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि जीत का रास्ता कभी भी आसान नहीं होता है। लड़का ने अपने डर का सामना करते हुए कुछ समय लगा लेकिन उसने अपनी मेहनत और अधिकतम प्रयास से अपना डर हराया। जीत पाने के लिए हमें अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठा और समर्पण का भी बहुत महत्व होता है। हमें अपने लक्ष्य के लिए सफलता के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, चाहे वह जितना भी मुश्किल क्यों न हो।
इस कहानी में एक और महत्वपूर्ण संदेश है जो हमें बताता है कि हम अकेले नहीं होते। हमें हमारी समस्याओं को साझा करने और सहायता मांगने की क्षमता होनी चाहिए। लड़के की समस्या उसके पिता ने समझी और उसे शेर की बात सुनाई जो उसे अपने डर से निपटने में मदद करने में मदद करती है। हमें भी अपने समस्याओं को दूसरों के साथ साझा करना चाहिए जो हमारी समस्याओं को समझते हैं और हमें उन्हें हल करने में मदद कर सकते हैं।
5. सपनों के लिए मेहनत :-
एक बार एक युवा लड़का जिसका नाम संजय था, गाँव से शहर जाकर अपने सपनों को पूरा करना चाहता था। वह बचपन से ही अपने सपनों को लेकर बहुत उत्साही था। लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति उसे अपने सपनों को पूरा करने से रोक रही थी। उसके पिता की नौकरी थोड़ी ही थी और उसका बड़ा भाई भी नौकरी करता था।
लेकिन संजय को यह सब चीजें रोक नहीं सकती थीं। उसकी मनोदशा ख़राब होने लगी थी। वह निराश होकर बैठ जाता था और अपने सपनों के बारे में सोचता रहता था।
एक दिन उसने अपने बड़े भाई से अपने सपनों के बारे में बताया। उसने बताया कि वह शहर जाकर एक अच्छी नौकरी करना चाहता है। उसके भाई ने उससे कहा कि वह ऐसा कर सकता है लेकिन उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करनी होगी।
संजय ने अपने भाई की सलाह मानी और नौकरी के लिए शहर जा दिया। उसने अपनी मेहनत और अधिकारवाद के द्वारा एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी पाया।
उसकी नौकरी शुरू होने के बाद, संजय ने जब देखा कि उसकी कंपनी में कुछ लोग बहुत ज्यादा काम करते हैं और उन्हें अधिक सैलरी दी जाती है, तो उसने सोचा कि उसे भी अधिक काम करना चाहिए। उसने अपने काम में अधिक मेहनत करना शुरू किया और उसका सही प्रयास उसे उसके सपनों की ओर ले जाने लगा।
उसकी मेहनत उसे कंपनी में तेजी से आगे बढ़ने के लिए उसकी कार्रवाई में सहायता करने लगी। उसने उसकी तरक़्क़ी में अहम भूमिका निभाई और उसे कंपनी का उन्नति के लिए अहम अंग बना दिया।
संजय की मेहनत और अधिकारवाद ने उसे कंपनी के उच्चतम स्तर पर ले जाया। उसे अधिक जिम्मेदारियों और प्रतिबद्धताओं की ओर ले जाना पड़ा लेकिन उसने कभी नहीं हार मानी। वह हमेशा अपने सपनों के बारे में सोचता रहा और उसे पूरा करने के लिए मेहनत करता रहा।
अंततः, उसका सपना पूरा हुआ। वह कंपनी के सीईओ बन गया था और उसकी नौकरी से बहुत सारे लोगों को रोजगार मिल गया, उसने अपनी मेहनत, लगन और अधिकारवाद के जरिए जीता था। उसने अपने सपनों के लिए लड़ा और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत की। लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उसकी मेहनत उसके सफलता की कुंजी थी।
सीख -
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने सपनों के लिए लड़ना और मेहनत करना चाहिए। सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत अनिवार्य है। हमें इस बात को समझना चाहिए कि कोई भी सफलता एक रात में नहीं होती है, बल्कि उसके पीछे मेहनत और समर्पण का एक लंबा सफर होता है।
जब हम अपने सपनों के लिए मेहनत करते हैं, तो हमारी दुनिया बदलने लगती है। हमारी सोच, हमारी कार्यक्षमता और हमारा जीवन संपूर्ण रूप से बदल जाता है। अतः, हमें हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करना चाहिए।
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